• Breaking News

    A business plan is a formal statement of business goals, reasons they are attainable, and plans for reaching them. It may also contain background information about the organization or team attempting to reach those goals.

    Woensdag 24 April 2019

    फर्स्ट नाईट

    कुछ शादियां ना लव होती है ना अरेंज ..बस हो जाती है ।



    आज सातवीं मैरिज एनिवर्सरी है अमोघ और नन्दिनी की।नन्दिनी ने सरप्राइज पार्टी देने का सोच रखा था, पर कल ही कॉल आया कि अमोघ को अपने ऑफिस के काम से बाहर निकलना है ।नन्दिनी ने रात भर इंतजार किया पर शायद अमोघ को याद ही नहीं ।ऑफिस के काम में इतना उलझा हुआ रहता है कि उसे कुछ याद नहीं रहता।
    अमोघ की इसी आदत की वजह से नन्दिनी ने जॉब छोड़ी थी,नन्दिनी अगर घर नहीं सम्हालती अपने कैरियर ऑपर्च्युनिटीज को छोड़ तो न जाने क्या होता इस घर का ।बुजुर्ग सास-ससुर ,प्रकृति .अमोघ और नन्दिनी की बेटी सबको नन्दिनी ने ही तो सम्हाला हुआ है ,इन जिम्मेदारियों के बीच कब वो हसबैंड वाइफ के बीच वाला रोमांस खत्म हो सिर्फ जरूरत की बातें वाला रिश्ता बन गया ,पता ही नहीं चला।
    अमोघ देर रात घर आता और नन्दिनी भी अपने घर के कामों के थकान और अपनी 2 डांस क्लासेज के बाद थककर इतना चूर हो जाती कि बिस्तर में जाते ही दोनों सो जाते। एक दिन सन्डे मिलता उसमें भी अमोघ को अधिकतर बाहर ही रहना पड़ता।
    यूँ तो अमोघ और नन्दिनी का कभी झगड़ा नहीं होता,अमोघ की जॉब् का प्रेशर समझती है नन्दिनी ,आखिर वो अकेला ही कमाता है और इतने लोगों को देखना नन्दिनी डांस क्लासेज लेती है पर कुछ ही मदद हो पाती है।पर आज नन्दिनी को बहुत बुरा लग रहा था ,इत्ने सालों में कभी उनका झगड़ा नहीं हुआ पर आज उसने सोच रखा था आज तो वो लड़ेगी ही अमोघ से ..कब तक ये चलेगा इस तरह..इन सबमें उनकी शादीशुदा जिंदगी तो जैसे खत्म ही हो चुकी है।
    अमोघ तो सुबह ही निकल गया ,नन्दिनी ने प्रकृति को स्कुल भेजा ,सास ससुर को खाना दे आज अपने कमरे में चुपचाप बैठ गयी ,उसने भी सोच रखा था आज अमोघ ही उसे विश करेगा इत्तने साल से वो ही याद दिलाती है हर बार ।
    कुछ यादें ताजा करने उसने अपनी शादी की एल्बम खोली।तस्वीरों के पहले पेज से ही उसकी यादों ने जैसे उसे 7 साल पहले उसकी शादी के मण्डप पर खड़ा कर दिया ।
    अमोघ ने मण्डप में सारी रश्मों कर बीच उसे इतना छेड़ा था ,कभी उसकी लहंगे के बीच दीखते पेट पर चिमटी काट देता ,तो कभी चुपके से उसका हाथ पकड़ लेता ।
    फेरे के समय तो उसने हद ही कर दी थी ,गठबंधन वगैरह छोड़ उसके हाथ पकड़ ही उसने सात फेरे लिए ।
    और बिदाई के समय जब नन्दिनी रो रही थी, तो उसने कहा था .."एक काम करो कुछ दिन रह लो यही अभी ,जब मन करें तब आ जाना ..या बोलो तो मैं भी यही रह जाता हूँ।" सबने अमोघ पर खूब हंसा था।
    और नन्दिनी के होंठो पर भी मुस्कान आ ही गयी थी ,रास्ते भर अमोघ ने नन्दिनी को अपनी उल जलूल बातों में उलझाये रखा।
    और मायके से ससुराल तक का सफर कब तय हो गया ,उसे पता ही नहीं चला ।
    कुछ शादियां ना लव होती है ना अरेंज ..बस हो जाती है ।
    अमोघ और नन्दिनी की शादी भी ऐसे ही थी शादी के दिन तक उन दोनों ने एक दूसरे को आई लव यू नहीं कहा था।
    कभी जरूरत ही नहीं पड़ी ,शादी का डिसीजन उन्होंने सिर्फ इसलिए लिया था कि दोनों मैच्योर थे और एक दूसरे के साथ लाइफ अच्छे से स्पेंड कर सकते थे ,3 साल की फ्रेंडशिप में उनके बीच कभी किसी बात को लेकर बहस नहीं हुई थी ,दोनों की लाइफ में इतने अनुभव थे कि चीजों को समझकर शार्ट आउट कर लेते,नन्दिनी कई बार नाराज होती तो अमोघ उसे अपनी स्टूपिड हरकतों से मना लेता और अमोघ तो जैसे नाराज होता ही नहीं था,बस् उसे जो बात पसन्द नहीं है वो कह देता और नन्दिनी कोशिश करती कि आगे वैसी कोई बात न हो ।
    किसी अनजाने के साथ अरेंज मैरिज कर या किसी के प्यार में पड़ कर रोना धोना मचाकर शादी करने से अच्छा उन्हें ये लगा कि एक दूसरे के साथ जिंदगी बिता ली जाये तो शायद थोड़ा आसान हो जाये आगे का सफर।
    एल्बम में तस्वीरों को देखते देखते उसकी नजर उसकी फर्स्ट नाईट की फोटो पर गयी।और उसे वो सब याद आने लगा।
    कैसे उसे सजा धजा कर रिसेप्शन के बाद उसके कमरे में उसकी ननदों ने बिठा दिया था । वो अमोघ का इंतजार कर ही रही थी ,और अमोघ ना जाने किधर बीजी था।
    रात एक बजे रूम में आया,नन्दिनी ने उसे गुस्से से देखा उसके हाथ में कुछ था जो उसने पीछे छुपा रखा था।
    अचानक उसने घुटने में बैठ नन्दिनी से कहा।
    "जानता हूँ नन्दिनी प्यार,इश्क,मोहब्बत जैसा कुछ नहीं है हमारे बीच,पर अब तक जैसे हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया है वैसे ही आगे का सफर भी एक दूसरे का हाथ पकड़ कर पूरा कर सकते है ना ।"
    और उसने अपने पीछे छुपाये मैगी के बाउल को नन्दिनी के सामने किया और नन्दिनी को हँसी आ गयी थी ..तो जनाब उसकी वाली मैगी बनाने में बिजी थे और इस बीच भाई बहनों में से किसी ने फोटो क्लिक कर ली थी ।
    इत्तने फोटोशूट होने के बाद भी नन्दिनी को ये पिक सबसे प्यारी लगती ,उसने आज इस पिक को बाहर निकाला और सोचा इसे फ्रेम करा लिया जाय।
    एक बार सोचा कि अमोघ को विश कर दे फिर रहने ही दिया,नाराजगी तो नहीं थी उसे अब पर उसने सोचा अब देर रात ही विश करेगी ।
    दिन भर काम में बीत गया ,शाम को कुछ रिलेटिव्स आ गए ,अमोघ के अलावा सबने बधाई दे दी थी नन्दिनी को शादी की सालगिरह की।
    जब अमोघ रात 2 बजे घर आया तो घर में सब सो चुके थे नन्दिनी की नींद भी प्रकृति को सुलाते- सुलाते लग गयी।
    माँ ने दरवाजा खोला और वो भी खाना देकर सो गई ,बस इतना ही कहा ' काम में इतना भी बीजी ना रहा कर कि जिंदगी भी जीना भूल जाये, बहु कुछ नहीं बोलती पर बुरा उसे भी तो लगता है ना।'
    इतना कह चले गयी वो भी सोने।अमोघ अपने कमरे में गया तो देखा ड्रेसिंग में वही उनके फर्स्ट नाईट की तस्वीर रखी थी अब यादों में डूबने की बारी अमोघ की थी ।
    अमोघ को याद आया कि कैसे उसकी फर्स्ट नाईट में जब उसने नन्दिनी के लिए मैगी बनायी तो उसके सारे भाई बहनों ने खूब खिंचाई की और उसे सबके लिए बनाना पड़ा था और फिर पूरी रात सब उनके ही कमरे में डेरा जमाए जागते रहे और मस्ती करते रहे।
    घर में जब भी किसी की शादी होती तो अमोघ और नन्दिनी के फर्स्ट नाईट के किस्से जरुर सुनाये जाते नयी दुल्हन को ।
    इतनी रात नन्दिनी को जगाना उसे सही नहीं लगा ,उसने वो तस्विर अपने बैग में रख ली और झट से एक लिव का मेल अपने बॉस को डाल दिया ।
    अगली सुबह नन्दिनी ने देखा तो अमोघ बिस्तर में था ही नहीं जब तक वो नहाकर आयी ।अमोघ मैगी अपने पीछे छुपाये और एक हाथ से कान पकड़े बैठा था घुटनो के बल और उसने आज इतना ही कहा।
    "नन्दिनी जिस तरह इत्तने साल बिता दिये मेरे साथ ,कभी अपनी बातें नहीं कही कभी अपनी मांग नहीं रखी ,अब ऐसा कभी मत करना ..लड़ना झगड़ना और नाराज भी होना मैं मना लूंगा तुम्हें ..पर बस कभी मुझे छोड़कर मत जाना ...मैं मां पापा ..प्रकृति हम सब तुम्हारें बिना अधूरे है..!"
    और नन्दिनी के आँखों से बरसात होने लगी और तभी एक तस्वीर प्रकृति ने अपने कैमरे में कैद कर ली।
    अब वो दोंनो तस्वीरें घर के हाल में फ्रेम होकर लगी है जो नन्दिनी और अमोघ को हर रात अपनी फर्स्ट नाईट की याद दिलाती है और उन दोनों के होंठो पर मुस्कान ले आती हैं।

    समाप्त

    Geen opmerkings nie:

    Plaas 'n opmerking